आपकी दिलचस्पी भूतकाल के बजाय भविष्य में होनी चाहिए, क्योंकि आपको अपनी शेष जिंदगी वहीं बितानी है।
आदमी उतना बेवकूफ कभी नहीं बनता जितना उस वक्त जब कि वह किसी और को बेवकूफ बना रहा होता है।
प्रेम भूख से नहीं, कब्ज से मरता है।
किताबों का बाहुल्य हमें अज्ञानी बना रहा है।
पैसे के मामले में सबका मजहब एक है।
हमें जीना चाहिए और सीखना चाहिए; लेकिन जब हमारा सीखना खत्म होता है तब जीने के लिए वक्त नहीं रह जाता।
जो कर नहीं सकते, वे सिखाने लगते हैं।
साहित्य और पत्रकारिता में फर्क यह है कि पत्रकारिता पढ़ने लायक नहीं होती और साहित्य पढ़ा नहीं जाता ।
नैतिकता का पाठ बघारनेवाला अक्सर धूर्त होता है।
सन्त और पापी में केवल यह अन्तर है कि हर सन्त का एक भूतकाल होता है और हर पापी का एक भविष्य।
वह बेवकूफ है जो शादी करता है, लेकिन जो बेवकूफ से शादी नहीं करता वह और भी बड़ा बेवकूफ है।
औरतें अक्सर हमें महान कार्यों की प्रेरणा देती हैं और उन्हीं को करने नहीं देतीं।
लोग धर्म के लिए आपा-धापी करेंगे, उसके लिए लिखेंगे, उसके लिए लड़ेंगे, उसके लिए मरेंगे, सब करेंगे पर उसके लिए जिएंगे नहीं।
बहादुर आदमी साधारण आदमी से ज्यादा बहादुर नहीं होता, बस वह पांच मिनट ज्यादा बहादुर रहता है।
जितनी मेहनत से लोग नरक में जाते हैं, उससे आधी से स्वर्ग में जा सकते हैं।
जीवन, जीने की तैयारियों में ही बीत जाता है।
अगर आदमी की आधी इच्छाएं भी पूरी हो जाएं तो उसकी मुश्किलें दुगुनी हो जाएं।
लम्बी जिंदगी सब चाहते हैं, बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता।
बच निकलने का सबसे अच्छा रास्ता हमेशा बीच में से होकर जाता है।
तीन आदमी किसी भेद को छुपाकर रख सकते हैं, अगर उनमें से दो मर जाएं।
जितने पैसे से एक व्यसन का निर्वाह होता है, उससे दो बच्चों की परवरिश हो सकती है।
आप समस्या से जितने दूर होंगे, उतने ही आदर्शवादी होंगे।
इतिहास से हम यह सीखते हैं कि - हमने इतिहास से कुछ नहीं सीखा।
व्याकरण की तरह जीवन में भी यह होता है कि - अपवादों की संख्या नियमों से भी बढ़ जाती है।
तमाम धर्म यौनिक सवालों की दीवानावार परिक्रमा कर रहे हैं।
बातचीत की कला का महान रहस्य है - खामोशी।
स्त्री प्रथम चुम्बन को याद रखती है जबकि पुरुष अन्तिम को भी भूल चुका होता है।
शादी जवानी की एक भूल है - जो कि हम सबको करनी चाहिए।
बहुत से लोगों के पास चरित्र होता है, और कुछ नहीं होता।
मौत की तरह शादी की भी कोई चिन्ता मत करो।
खुशी मुसीबत से भी बड़ी मुसीबत है।
कुछ लोगों के पास सिवाय अनुभव के कुछ नहीं होता।
हर बच्चे का शिक्षण उसके पैदा होने के सौ बरस पहले शुरू हो जाना चाहिए।
दो प्रकार के पुरुष स्त्रियों को नही समझते - विवाहित और कुंवारे ।
जो सरकारी नहीं होता वही तो असरकारी होता है।
एक आशावादी सोचता है कि गिलास आधा भरा है, निराशावादी का विचार होता है कि गिलास आधा खाली है, पर एक यथार्थवादी जानता है कि वह आसपास बना रहा तो अंतत: गिलास उसे ही धोना पड़ेगा।
प्रत्येक दिन को अपना अंतिम दिन मानकर चलो ..... एक दिन तुम सही साबित हो जाओगे ।
पैसा सारी बुराइयों की जड़ है...... और इंसान को जड़ों की जरूरत हमेशा बनी रहती है।
शादी विवेक पर कल्पना की विजय है।
नौकरी दो चीजों के लिए की जाती है - तनख्वाह और छुट्टियां ।
मृत्यु आनुवांशिक बीमारी है।
मित्र से उधार लेने के पहले सोचिये कि आपको किसकी जरूरत ज्यादा है - मित्र की या धन की ?
इंसान को दिमाग खुला रखना चाहिये, पर इतना भी नहीं कि भेजा निकल कर बाहर ही गिर पड़े।
यदि प्र्रत्येक चीज आपके रास्ते में आ रही हो तो समझ लीजिए कि आप गलत रास्ते पर जा रहे हैं।
अपने शत्रुओं की गलतियों को क्षमा करके देखो ........ यह बात उन्हें ज्यादा तकलीफ पहुंचाएगी।
पुरुषों के लिए जो बात निश्चित नहीं होती, महिलाएं उस पर तटस्थ रहती हैं।
जिसे मृत्यु कहते हैं, वह चीज है जिस पर लोग रोते हैं, फिर भी एक तिहाई जीवन सोने में गुजार दिया जाता है।
महिलाओं के दिल में एक खास कोना होता है, जिसे वे कभी किसी के साथ नहीं बांटतीं।
अगर संगत से ही तमाम खूबियां आ जातीं तो गन्ने में उगने वाले पौधों में रस क्यों नहीं होता ?
महिलाएं हमेशा पुरुषों के भूलने की आदत से परेशान रहती हैं, जबकि पुरुष महिलाओं की याद रखने की आदत से पीड़ित ।
प्रत्येक व्यक्ति की जरूरत होती है और कोई व्यक्ति अनिवार्य नहीं होता।
चूंकि प्रकाश की गति ध्वनि से तेज होती है इसलिए लोग तब तक अधिक सुन्दर प्रतीत होते हैं जब तक कि आप उन्हें बोलता हुआ न सुन लें।
यदि आप किसी को समझा नहीं पा रहे हैं, तो उसे उलझा दें।
यदि आप पहली बार में सफल न हों, तो अपनी असफलता के सारे चिन्ह मिटा दें।
जिंदगी 40 के पार शुरू होती है - गठिया वात, नजर की कमजोरी, याददाश्त कम होना आदि भी 40 के पार ही शुरू होते हैं।
महिलाओं के लिए राय : पुरुष के साथ खुश रहने के लिए उसे प्यार चाहे कम करें, समझने की कोशिश ज्यादा करें।
पुरुषों के लिए राय : महिला के साथ खुश रहने के लिए उसे बेशुमार प्यार करें और समझने की कोशिश कतई न करें।
सयानी स्त्री, पुरुष से जो भी कुछ कहती है उसमें एक डली शकर मिला देती है और पुरुष जो कुछ कहता है उसे एक डली नमक के साथ ग्रहण करती है।
काम दुनिया में सबसे बड़ी चीज है, इसलिये हमें चाहिये कि हमेशा कल के लिये भी रहने दिया करें।
मां को अपने बेटे को आदमी बनाने में बीस बरस लगते हैं और एक अन्य महिला उसे बीस मिनिट में बेवकूफ बना देती है।
अगर आप किसी बार बार आने वाले दुष्ट से पिण्ड छुड़ाना चाहते हैं तो उसे कुछ पैसा उधार दे दीजिये।
आदमी जवानी में सोचता है कि पैसा सबसे अहम चीज है और बुढ़ापे में यह हकीकत उस पर खुल जाती है।
पत्ते अच्छे हों तो आदमी ईमानदारी से खेलना पसंद करता है।
दुनिया में दो ही ट्रेजडी हैं : एक आप इच्छित वस्तु को पा न सकें; दूसरी उसे पा जायें।
किसी ऐसे काम को कभी कल पर नहीं टालना चाहिये, जिसे आप परसों कर सकें।
कायर के एक लिये एक साहसिक कार्य खुला हुआ है और वह है - शादी।
अगर ईश्वर न भी हो तो उसका आविष्कार कर लेना जरूरी है।
अपनी आमदनी के अन्दर खर्च करो चाहे इसके लिये तुम्हें कर्ज ही क्यों न लेना पड़े।
सच्चा प्रेम भूत की तरह है - चर्चा उसकी सब करते हैं, देखा किसी ने नहीं।
दुनिया में शायद ही कोई ऐसी सक्षम लड़की हो जो अपने को घर का काम करने में समर्थ समझती हो।
कुछ लोगों को खुश करने का एक ही तरीका है - आप फिसल कर गिर पड़ें।
अगर बुरे लोग न होते, तो अच्छे वकील न मिलते।
मानवजाति का अन्त यह होगा कि आखिर एक रोज वह सभ्यता से घुट मरेगी।
दुनिया में तीन चीजें हैं जिन्हें औरतें नहीं समझतीं - आजादी, बराबरी और भाईचारा।
हर औरत को शादी करनी चाहिये- पर मर्द को हरगिज नहीं।
बाबा आदम के जमाने से ही बेवकूफ बहुमत में रहते आये हैं।
आदमी की आधी जिंदगी उसके माता-पिता बिगाड़ देते हैं, बाकी आधी उसके बच्चे।
खूबसूरत औरत आंखों के लिये स्वर्ग है, आत्मा के लिये नरक है, और जेब के लिये दिवाला है।
कई बीवियां रखने में एक फायदा है; वे अपने पति से लड़ने की बजाय आपस में ही लड़ती रहती हैं।
गरीबों को याद रखो, इसमें कुछ खर्चा नहीं होता।
नाश्ते से पहले कुछ काम न करो; अगर नाश्ते से पहले कुछ करना ही पड़े, तो पहले नाश्ता करो।
अपनी आमदनी के अन्दर खर्च करो चाहे इसके लिये तुम्हें कर्ज ही क्यों न लेना पड़े।
खुदा बेवकूफों को महफूज रखे, उन्हें खत्म न हो जाने दे; क्योंकि अगर वो न रहे तो समझदारों की रोजी मुश्किल हो जायेगी।
अनुभव हमारे ज्ञान को बढ़ा देता है लेकिन हमारी बेवकूफियों को कम नहीं करता।
आर्टस्कूल वह जगह है जहां लड़कियां हाईस्कूल और शादी के बीच का वक्त गुजारती हैं।
गरीबी अमीरों लिये एक पहेली है; समझ में नहीं आता कि लोगों को खाना चाहिये तो वे घण्टी क्यों नहीं बजा देते।
कुछ फिल्मी सुन्दरियां मन्दिर में भी धूप का चश्मा पहनकर जाती हैं; उन्हें डर लगा रहता है कि कहीं भगवान उन्हें पहचान कर ऑटोग्राफ न मांग बैठें।
तन्दुरुस्ती वह चीज है जिससे आपको यह मालूम होता है कि साल का यही बेहतरीन वक्त है।
Wednesday, January 21, 2009
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